-35 महिला कलाकारों की टीम ने किया अनूठा मंचन
-तीन घंटे की अवधि में दिखाई गई संपूर्ण रामकथा
-रंगकर्मी आलोक सक्सेना ने किया निर्देशन
यूपी के शाहजहाँपुर देश भर मे रंगकर्म के लिए भी विख्यात है। कृभको में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों की महिलाओं ने अनूठी रामकथा का मंचन इस नगर का एक बार फिर नाम रोशन किया है। प्रगति महिला मंडल के तत्वावधान में गृहणियों और बच्चों ने वरिष्ठ रंग निर्देशक आलोक सक्सेना के प्रभावी निर्देशन में यह मंचन मूरत रूप ले सका। सुमन चोपड़ा व किरन सिंह के मार्गदर्शन में पांचवें वर्ष 45 दिवस की रंगमंचीय कार्यशाला में इस कथा का मंचन हो सका
शुभारंभ मुख्य अतिथि कृभको प्रबन्ध निदेशक रवि कुमार चोपड़ा और यूनिट प्रमुख वीके सिंह व सुमन चोपड़ा और किरन सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। तीन घंटे की अवधि में रामकथा के सभी प्रमुख प्रसंगों जैसे राम जन्म, शिक्षा-दीक्षा, ताड़का वध, अहल्या उद्धार, सीता स्वयंवर, केकैयी दशरथ संवाद, वन गमन, केवट प्रसंग, भरत चित्रकूट में, सीता हरण, अशोक वाटिका, मेघनाथ वध, रावण वध, राजतिलक आदि प्रसंगों की लीलाओं का महिला कलाकारों द्वारा भावपूर्ण मंचन किया गया।
प्रगति महिला क्लब की अध्यक्षा व रामलीला संयोजिका किरन सिंह ने बताया कि साल 2018 में इस अनूठी रामलीला की परिकल्पना तत्कालीन अध्यक्षा सुमन चोपड़ा ने की थी, जिसका निर्देशन लगातार पांचवी बार राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, त्रिपुरा से प्रशिक्षित रंगकर्मी आलोक सक्सेना ने किया है।
मंचन में महानगरों में होने वाली आधुनिक ध्वनि व प्रकाश शैली का प्रयोग किया गया। प्रकाश व्यवस्था मनीश मुनि, ध्वनि व्यवस्था वत्सल प्रकाश, मंच प्रबंधन व वेशभूषा चन्दा राय व सोनिका कुलश्रेष्ठ, प्रस्तुति सहयोग अरुंधति देव, मंच सज्जा एस सी गौड़ व टीम, प्रस्तुति प्रबंधन एस बी सिंह और जे पी श्रीवास्तव, मंच सामग्री एन के गर्ग, प्रशांत, पंकज, विद्युत व्यवस्था आशीष जैन, संजय कुमार, मंच सहयोग राजवीर, मंच सामग्री निर्माण महेश शर्मा, मुखसज्जा महेश शर्मा, सुनयना, सोनी, पल्लवी, परिकल्पना सुमन चोपड़ा, संयोजन किरन सिंह, संरक्षण आरके चोपड़ा व वीके सिंह का रहा ।
मंच पर श्रीराम – कविता झा, सीता राजकन्या – हरमीत कौर , सीता वनगामिनी – रोहिणी त्रिवेदी, लक्ष्मण – लक्ष्मी रेड्डी, भरत – चंचल शर्मा, शत्रुघ्न व इन्द्र – वंदना श्रीवास्तव , दशरथ व सुमंत – वर्णिका सक्सेना, कौशल्या – आशा तिवारी, सुमित्रा व काकी- प्रमिला दीक्षित, कैकेयी – अर्चना तिवारी, मंथरा – लता बंसल, राजा जनक, केवट व मेघनाथ – निशा सिंह, सुनयना व सुलोचना- ऊषा यादव, गुरु वशिष्ठ व तापसवेशी रावण – नूतन सिंह, विश्वामित्र- संध्या चौहान, महर्षि वाल्मीकि, निषादराज व त्रिजटा मां – आशा सिंह, परशुराम व गौतम ऋषि – प्रियंका तायल , लंकेश रावण – कनू गौड़, मंदोदरी- नीतू झा, अहल्या व उर्मिला – प्रतीक्षा शर्मा, ताड़का – बबिता दास, हनुमान जी – अभिज्ञान सिंह, मां गौरी- ज्योति देव, श्रवण कुमार व ऋषि कुमार – आदित्य, श्रवण के पिता व केवटी – सावी, श्रवण की माता व पक्षी – दिव्या, ऋषि कुमार व बंदीजन – कार्तिकेय, स्वर्ण मृग – ऋषि यादव, मनई- ज्ञानेंद्र, सैनिक व बंदीजन- अदविक, सुषेण वैद्य व बंदीजन – मानस, पक्षी नर्तकी व सैनिक – हेमलता, नर्तकी व सैनिक- आरती, नर्तकी व सैनिक- पूनम, नर्तकी व सैनिक- आराध्या ने अपने प्रभावी अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया ।