#बैरकों में बंद महिलाओं से जाना हालचाल
शाहजहांपुर। जेल में राज्य महिला आयोग की सदस्या सुजीता कुमारी द्वारा महिला बैरक का निरीक्षण किया गया। उन्होंने यह जानने की अपेक्षा की गई कि महिला बैरक में निरुद्ध महिला बंदियों कैसे रखा जाता है? उन्हें क्या-क्या सुविधा उपलब्ध कराई जाती हैं ? उनके कौशल विकास और भविष्य निर्माण के लिए उन्हें क्या-क्या सिखाया जाता है?
सदस्या महोदया को अवगत कराया गया की महिला बैंक में सभी महिला बंदियों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है। उनके स्वास्थ्य को लेकर के बहुत सतर्कता बरती जाती है और नियमित रूप से डॉक्टर का और विशेष रूप से महिला डॉक्टर का विजिट कराया जाता है। उनके पहनने आदि के लिए सभी सामान उपलब्ध कराए जाते हैं, जो महिला बंदी गरीबी के कारण या अन्य कारणों से अपने घर से सामान नहीं मांगा पाती हैं, उन्हें स्वयं सेवी संगठनों एवं व्यापारिक संगठनों के सहयोग से सभी सामग्री उपलब्ध कराई जाती है, जिसमें साड़ी, सूट, जूते चप्पल अंडर गारमेंट्स ,स्वेटर, जैकेट, शाल ,हाइजीन किट एवं कॉस्मेटिक किट तथा सैनिटेशन नैपकिन आदि शामिल है।
उनके आत्मनिर्भरता हेतु कौशल विकास विकसित करने के लिए उन्हें जरी-जरदोजी, सिलाई -कढ़ाई, आसन बनाना, धूप बत्ती बनाना, कलात्मक गमले तैयार करना, पेंटिंग का काम आज सिखाया जाता है। महिला बंदियों शिक्षा एवं बच्चों की शिक्षा हेतु बेसिक शिक्षा विभाग की दो महिला सहायक शिक्षकों को नियुक्त कराया गया है जो की बच्चों की शिक्षा एवं महिला बंधिया की शिक्षा का कार्य करती है साथ ही साथ महिला बंदियों को योग आदि भी कराती हैं।
महिला बैरक के निरीक्षण के दौरान उन्होंने महिला बंदियों से यहां मिलने वाली सुविधाओं एवं परेशानियों के बारे में पूछा उस पर सभी महिलाबंदियों ने अवगत कराया कि जेल अधीक्षक मिजाजी लाल एवं अन्य जेल स्टाफ हमें पूरा सहयोग करते हैं।सभी सुविधाएं मुहैय्या करते हैं। यहां हमें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है। विशेष रूप से जब कोई महिला नई-नई जेल में आती है तो वह जेल में आने एवं अपने परिवार की बच्चों की परेशानियों के कारण बहुत तनाव और अवसाद में चली जाती है, उनको स्टाफ़ द्वारा समझाया जाता है। महिला आयोग की माननीय सदस्य ने संतुष्टि जताई। सभी की सराहना की।