एआई से भविष्य में महत्वपूर्ण कौशल विकसित होगा: डॉ हसन


#जीएफ कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का समापन
शाहजहांपुर।
जीएफ. कॉलेज में हो रहे दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का शुक्रवार को समापन हो गया। ‘आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एंड ग्लोबल डेवलपमेंट’ विषयक इस सेमिनार का आयोजन वाणिज्य एवं बीबीए. विभाग जीएफ. कॉलेज, गेडू कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज़ भूटान और नावेल एकेडमी पोखरा नेपाल के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
समापन समारोह को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. मोहसिन हसन खां ने कहा कि शिक्षा और छात्रों पर एआई. का प्रभाव बहुत गहरा है, यह उनके शैक्षिक अनुभवों और व्यक्तिगत विकास को प्रभावित करता है। व्यक्तिगत शिक्षा से लेकर अभिनव उपकरणों तक, एआई. छात्रों के सूचना के साथ जुड़ने के तरीके को बदल रहा है, जिससे भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कौशल विकसित हो रहे हैं।
भूटान के प्रो. प्राण कौल ने कहा कि इस सेमिनार में उपस्थित होना सौभाग्य से कम नहीं है। शिक्षा केवल लिखने पढ़ने का माध्यम नहीं है वह हमें अनुशासन, परिश्रम, नैतिकता सिखाती है। एसएस. कॉलेज के प्रो. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के नकारात्मक और सकारात्मक दोनों पक्ष हैं। धीरे धीरे इमोशनल इंटेलीजेंस विकसित हो रही है। इस तरह के सेमिनार हमारे ज्ञान को समृद्ध करते हैं।
इस अवसर पर वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ. पुनीत मनीषी द्वारा नई शिक्षा नीति पर आधारित पुस्तक ‘प्रबंधक हेतु लेखांकन’ का विमोचन किया गया। सेमिनार में उत्कृष्ट शोध पत्र वाचन हेतु नबीहा हसन खान, शिवांशी, निशि अवस्थी, साक्षी, शिल्पी कुमारी, जशनप्रीत कौर, आयशा, मंतशा, श्रेया तथा शिक्षकों में डॉ. जागृति गुप्ता, डॉ. रईस अहमद, डॉ. संजय रस्तोगी, डॉ. स्वप्निल यादव को प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
सेमिनार का ऑनलाइन सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें चीन से जेरोम गेब्रेस्स, ओमान से डॉ साद अहमद ख़ान, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झाँसी से डॉ. शंभूनाथ सिंह, डॉ. ज्योति मिश्रा तथा डॉ. स्वप्निल यादव सहित 25 छात्र-छात्राओं ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। जबकि ऑफलाइन सेमिनार के चार अलग-अलग तकनीकी सत्रों में 20 शिक्षकों तथा 90 से अधिक शोध छात्र, छात्राओं ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। सेमिनार संयोजक डॉ. पुनीत मनीषी ने देश-विदेश से आए विद्वान अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। संचालन डॉ. मंसूर अहमद सिद्दीकी ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
सेमिनार समन्वयक प्रो. फैयाज अहमद, आयोजन सचिव डॉ अनमोल सक्सेना, सैयद अनीस अहमद, ख़लील अहमद, सैयद औरंगजेब, असरार अहमद, डॉ इमरान ख़ान, डॉ जमील अहमद ख़ां, साबिरा सुल्ताना, डॉ श्वेता मल्होत्रा, मारिया हैंकाक, सोनी वर्मा, विदुषी गुप्ता, डॉ अभिनव गुप्ता, डॉ तनवीर आलम, डॉ शहाब हुसैन, डॉ प्रदीप कुमार, डॉ जाने आलम खां, फैज़ असलम खान, डॉ. सैयद साद, डॉ शोएब अहमद, तथा स्पर्श, अभिषेक दुबे, अभिनव, अजय सिंह भंडारी, कुणाल, सुमित, साहिल, सैयद अमान, आलिमा, रिफत, लायबा, तूबा, कनिष्का, बुशरा, अक्सा, कायनात बेबी, तेजस्वी, हादिया, इक़रा, सानिया, सामिया आदि का विशेष सहयोग रहा।